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आज आपको 10 घर पर लगाने वाले पौधे के बारे में बताने का ख्याल आया। वो इसलिए क्यूंकी अमूमन बाज़ार में कई बार ताज़े फल और सब्जियां आसानी से नहीं मिल पातीं। दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरू जैसे कई बड़े शहरों में तो ये परेशानी रहती ही है। ऊपर से ये सब्जियां केमिकल फ़्री होंगी या नहीं, इसका डर रहता है। सब्जियों और फलों को जल्दी और आसानी से उगाने के लिए इनमें कई तरह के हानिकारक कीटनाशक डाले जाते हैं। ये कीटनाशक हमारे शरीर में पहुंचकर स्लो पॉयजन का काम करते हैं। तभी तो हम फल-सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अपनी तसल्ली के लिए पानी से धो लेते हैं। यहां हमारा मकसद आपको डराने का नहीं, बस जागरूक करने का है।
कोरोना महामारी ने बता दिया है कि स्वस्थ होना कितना ज़रूरी है। अब लोग अपनी सेहत को लेकर ज़्यादा जागरूक हो रहे हैं। कई बड़े शहरों के लोग अपने घर पर ही एक कोने में हरी सब्जियों की बागवानी कर रहे हैं। हम आपको ऐसी 8 सब्जियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने घर के किसी कोने में, छत पर या बालकनी में आसानी से उगा सकते हैं। ये पौधे एक काम के साथ दो काज करते हैं। इन पौधों को घर में लगाने से ताज़ी सब्जियां तो मिलेगी ही, साथ ही ये पौधे एक तरह से Air Purifier का काम भी करते हैं क्योंकि पौधों से निकलने वाले तत्व वातावरण को साफ़ रखते हैं।
गाजर (Carrot gardening at home)
गाजर जड़ वाली सब्जी है यानी कि ज़मीन के अंदर ये पैदा होती है। इसलिए ध्यान रहे कि घर में इसे उगाने के लिए कोई ऐसा गमला या ग्रो बैग लें, जिसकी निकासी प्रणाली (Drainage System) अच्छा हो। उसमें मिट्टी के अंदर गाजर उगने की जगह हो। इसके लिए गमला या ग्रो बैग थोड़ा गहरा होना चाहिए ताकि गाजर को बढ़ने के लिए पूरी जगह मिल सके। गमला चुनने के बाद उसमें मिट्टी डाल दें। फिर समान दूरी पर लाइन से मिट्टी में गड्ढे कर लें। इसके बाद एक-दो करके इन गड्ढों में गाजर के बीज डाल दें। ऊपर से थोड़ी मिट्टी डालकर गड्ढों को भर दें और पानी का छिड़काव कर दें। गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां अच्छी धूप आती हो। गाजर को बढ़ने के लिए अच्छी धूप की ज़रूरत होती है। इसके पौधे लगभग 15 दिनों में बनने शुरू हो जाते हैं। ढाई महीने में गाजर तैयार हो जाएगी।
गाजर में मौजूद पोषक तत्व- आयरन, पोटेशियम, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर
गाजर खाने के फ़ायदे- सर्दी-जुकाम, इंफेक्शन से बचाएगा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी
हरा धनिया (Green coriander gardening at home)
चाहे ग्रेवी हो या सूखी सब्जी, हरे धनिये के बिना तो कोई भी सब्जी अधूरी सी लगती है। इसे आसानी से उगाया जा सकता है। धनिए के बीजों को किसी गमले या कंटेनर में लगा सकते हैं। तीन से चार दिन में अंकुर निकल आते हैं। साबुत धनिया लें। उसे हाथों से अच्छे से मसल लें। इसे मिट्टी में लगभग एक सेंटीमीटर की गहराई पर डाल दें। समय-समय पर पानी देते रहें। धनिया उगाने या फिर इसके रख-रखाव में ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत भी नहीं होती। ये आसानी से महीने भर के अंदर ही तैयार हो जाएंगे।
हरे धनिये में मौजूद पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर युक्त
हरे धनिये के फ़ायदे- थाइरॉयड व डायबिटीज की समस्या में असरदार
मूली (Raddish gardening at home)
मूली भी एक ऐसी सब्ज़ी है, जो मिट्टी के अंदर नीचे की ओर जाते हुए उगती है। इसके लिए भी आपको गहरा गमला या ग्रो बैग लेना होगा। इसके बीजों को गमले में गाड़ दें और 1 से 2 दिन बाद पानी डालें। इसे आपको छांव में रखना है, जहां अच्छी रौशनी हो लेकिन सीधा धूप न पड़े। मिट्टी में नमी बने रहे इसका ध्यान रखना है। ज़रूरत के हिसाब से आप इसमें पानी दें। ढाई से तीन महीने में मूली कटाई के लिए तैयार हो जाएगी।
मूली में मौजूद पोषक तत्व- क्लोरीन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, विटामिन
मूली के फ़ायदे- पेट के रोगों के लिए फायदेमंद, लिवर करता है मज़बूत
हरी मिर्च ( Green chilli gardening at home)
धनिए की ही तरह मिर्च उगाना भी आसान है। सबसे पहले इसके लिए गमले को तैयार करें। गमले में मिट्टी डालकर 2 से 3 दिन तक धूप में रख दें। इससे मिर्ची की उपज अच्छी होगी। मिर्च के अंदर के बीज निकाल लें। इन बीजों को 2 से 3 इंच गहराई में लगा दें। ध्यान रखें कि मिट्टी ज़्यादा गीली न हो। गमले में हरी मिर्च का पौधा लगाने के बाद ऐसी जगह रख दें, जहां सूरज की रोशनी अच्छी पहुंचती हो। पांच से छह दिनों में बीज अंकुरित हो जाएंगे और उनसे पौधे निकलने लगेंगे। लगभग महीने भर में आप मिर्च तोड़ कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
हरी मिर्च में मौजूद पोषक तत्व- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर
हरी मिर्च के फ़ायदे- एंटीऑक्सीडेंट, पाचन क्रिया में मददगार, ब्लड शुगर कंट्रोल, एंटी-बैक्टीरियल गुण
टमाटर (Tomato gardening at home)
टमाटर भी घर पर उगाया जा सकता है। इसे गमले या फिर कोई कंटेनर में उगा सकते हैं। गमले या कंटेनर का आकार बड़ा होना चाहिए, क्योंकि इसके पौध को मिट्टी की ज़्यादा ज़रूरत होती है। गमले को 8 से 10 घंटे के लिए धूप में छोड़ दें। घर पर जो टमाटर आते हैं उनके अंदर से बीज निकाल लें। गमले में मिट्टी डालकर बीज डाल दें। ऊपर से थोड़ी और मिट्टी डाल दें। सर्दियों में पौधे को दिन में एक बार ही पानी दें। गर्मियों में ज़्यादा ही गर्मी पड़ने पर दो बार पानी दे सकते हैं। बीज को बोने के 60 से 70 दिन बाद टमाटर आने लगते हैं।
टमाटर में मौजूद पोषक तत्व- फॉस्फोरस, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, लाइकोपीन
टमाटर के फ़ायदे- प्रतिरोधक क्षमता में इज़ाफ़ा, इसमें मौजूद लाइकोपीन कैंसर के खतरे को करता है कम
पालक (Spinach gardening at home)
पालक का पौधा लगाने के लिए बड़े आकार का गमला चुनें। ये गहरा न भी हो तो चलेगा, लेकिन चौड़ा होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका पौधा फैलता ज़्यादा है। कम धूप वाली जगह पर गमला रखें। फरवरी-मार्च से लेकर सितंबर तक पालक बोने का अच्छा समय रहता है। बीज को मिट्टी में करीब दो इंच नीचे बोएं। दिन में दो बार पानी दें। 30 से 45 दिन में पालक आने लगता है।
पालक में मौजूद पोषक तत्व- प्रोटीन, विटामिन, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम
पालक के फ़ायदे- खून बढ़ेगा, इंफेक्शन के खतरे को करता है कम, आंखों के लिए फ़ायदेमंद
मटर (Green peas gardening at home)
मटर उगाने के लिए गमले, ग्रो बैग या प्लास्टिक की बाल्टी ले सकते हैं। गमले में मिट्टी भर लें और उसमें एक से डेढ़ इंच का छेद करके मटर के बीज लगा दें। दो बीजों के बीच में कम से कम छह इंच का गैप रखें। पानी का छिड़काव करें। लगभग दो हफ़्ते तक गमले को ऐसी जगह रखें जहां सीधी धूप न आती हो। दो हफ़्ते बाद जब पौधे बढ़ने लगें तो गमले को धूप में रख सकते हैं। नियमित तौर पर पौधों में पानी दें। डेढ़ से दो महीने में मटर पौधों में आ जाएंगे।
मटर में मौजूद पोषक तत्व- प्रोटीन, विटामिन, फॉस्फोरस और आयरन
मटर के फ़ायदे- कब्ज की समस्या को करता है दूर
नींबू (Lemon gardening at home)
नींबू का पौधा किसी बड़े गमले में लगाएं। गमले में मिट्टी भरकर उसे धूप में छोड़ दें। इससे मिट्टी में नमी नहीं रहेगी। मिट्टी में नमी होने के चलते पौधों के नष्ट होने का खतरा रहता है। बीज को मिट्टी के अंदर लगभग 2 से 3 इंच तक दबा दें। ऊपर से थोड़ा पानी डाल दें। गमले को ऐसी जगह रखें जहां ज़्यादा धूप न हो। दिन में दो बार पानी दें। गमले में लगाने के 2 से 3 साल के बाद नींबू का पौधा खिल जाएगा और फल देना शुरू कर देगा।
नींबू में मौजूद पोषक तत्व- सिट्रिक एसिड, कैल्शियम, फ्लेवोनॉएड्स, आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन ए, बी1 और सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर
नींबू के फ़ायदे- सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या दूर, पेट के कीड़े खत्म करने में मदद ,इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में सहायकमसूड़ों से संबंधित समस्याओं से भी राहत
चौलाई (Chaulai or Amarnath gardening at home)
चौलाई सर्दियों में खाई जाने वाली स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पौष्टिक सब्जियों में से भी एक है। एक ग्रो बैग या बड़ा स पॉली बैग लें। उसमें मिट्टी भर दें। फिर ऊपर से बीज चारों तरफ़ डाल दें। इसके बाद मिट्टी ऊपर से भी डाल दें। तीन से चार दिन में ये अंकुरित होना शुरू हो जाएंगे। नियमित तौर पर पानी देते रहें और पौधे को धूप वाली जगह पर रखें। तुड़ाई एकदम नीचे से न करें। ऊपर से ही कटिंग करें।
चौलाई में मौजूद पोषक तत्व- प्रोटीन, खनिज, विटामिन-ए और विटामिन-सी, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन
चौलाई के फ़ायदे- कोलेस्ट्राल को कम करने में और बुखार, पित्त, कफ-खांसी को दूर करने कारगर
मेथी (Fenugreek or Methi gardening at home)
गमले में मिट्टी डालकर ऊपर अच्छे से मेथी दाना (बीज) डाल दें। बीजों के बीच में लगभग चौथाई इंच की जगह छोड़ें। बीजों को हल्की मिट्टी की परत से ढक दें। हल्का पानी डाल दें। आने वाले दिनों में पर्याप्त नमी बनाए रखें। हर दिन पानी डालिए। गमले को धूप वाली जगह पर रखें। 15 दिन में ही मेथी की पत्तियां काटने लायक हो जाती हैं। लगभग 25 दिन में मेथी अच्छी-खासी बड़ी हो जाती है।
मेथी में मौजूद पोषक तत्व- प्रोटीन, टोटल लिपिड, ऊर्जा, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन बी, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट
मेथी के फ़ायदे- वज़न कम करने में मददगार, कोलेस्ट्रॉल को करता है कम, डायबिटीज को कंट्रोल, एसिडिटी की समस्या को करता है दूर, पाचन तंत्र मजबूत
कीड़े और रोग से बचाए रखने के लिए पौधों पर नीम के जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। ये बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होते हैं। बीज आपको नर्सरी या दुकानों में मिल जाएंगे।
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