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मशरूम की कई सारी वैरायटी अलग-अलग देशों में पाई जाती हैं, जो अपने खास स्वाद और न्यूट्रिशन वैल्यू की वजह से जानी जाती हैं। मशरूम की खेती (Mushroom Farming) पूरी दुनिया में की जाती है। इसकी काफ़ी डिमांड होने की वजह से मशरूम की खेती फ़ायदेमंद और आय को बढ़ाने वाली साबित हो रही है।
मशरूम क्या है?
मशरूम एक टोपी और तने वाला कवक यानि कि फंगी है जो मिट्टी या दूसरे सब्सट्रेट की वजह से उगता है। मशरूम के छोटे से लेकर बड़े तक कई आकार पाए जाते हैं। आपको बता दें कि फंगी में यीस्ट, फफूंद और मशरूम शामिल हैं। वे मरे हुए कार्बनिक मलबे से विघटित (डिसॉल्व) होते हैं और पोषक तत्वों की रिसाइक्लिंग करते हैं।
मशरूम एक हाई प्रोटीन फ़ूड है, जो वेजिटेरियन्स को ख़ासा पसंद आता है। इसमें विटामिन ए, बी, सी और डी भी भरपूर होता है। मशरूम में कम कैलोरी होने के कारण वेटलॉस करने वाले लोगों की पसंद बना हुआ है, साथ ही ये पोषक तत्वों से भरा हुआ है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी कैंसर, साथ ही एंटी डायबिटीज गुण भी पाये जाते हैं। मशरूम इम्युनिटी बूस्टर की तरह भी काम करता है।
मशरूम की खेती की शुरूआत (How To Start Mushroom Farming)
मशरूम की खेती के लिए कम संसाधनों की ज़रूरत होती है और इसकी खेती कम उपजाऊ जगहों पर भी की जा सकती है। ख़ास बात ये है कि मशरूम को विकसित होने के लिए सूरज की रोशनी की ज़रूरत नहीं होती है, क्योंकि वो अपना पोषण कार्बनिक पदार्थों से पा लेते हैं। इसके अलावा, मशरूम की खेती के लिए बहुत ज़्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती है क्योंकि मशरूम बंद कमरे में आराम से रेक पर उगाए जा सकते हैं।
मशरूम उत्पादन के लिए शेड,रूम या हट तैयार करके सफेद बटन मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं। इसके लिए स्थाई और अस्थाई दोनों ही तरह के शेड का इस्तेमाल किया जाता है।अगर आपके पास पूंजी की कमी है तो धान के पुआल से तैयार शेड बना सकते हैं। बांस और धान की पराली का शेड तैयार करने में लगभग 30 हजार रुपए खर्च आता है। इस तरह से बनाए हुए शेड में आप 4 Χ25 फीट आकार के 12 से 16 मशरूम उगाने के स्लैब तैयार कर सकते हैं।
मशरूम की मांग और बाज़ार (Mushroom Demand And Market)
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार विश्लेषण अनुसंधान एवं परामर्श समूह की लेटेस्ट ‘भारत मशरूम बाज़ार रिपोर्ट 2023-2028′ में बताया गया है कि मशरूम बाज़ार में 2023-2028 के दौरान 7.6 फ़ीसदी की सीएजीआर प्रदर्शित होने की उम्मीद है। ग्लोबल मशरूम मार्केट के 2022 से 2030 तक 10 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है, जो 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
क्या आप मशरूम के बिज़नेस के लिए सही हैं? (Why Mushroom Farming Business?)
एक सफल मशरूम फ़ार्म बनाने के लिए, आपको अपना बिज़नेस चलाने की उत्पादन लागत और ऊपरी खर्च को समझने की ज़रूरत होगी। इसके साथ ही ये समझना भी ज़रूरी है कि आपके प्रतिद्वंद्वी कौन हैं और आपके प्रॉडक्ट का मूल्य कैसे तय किया जाए।
अगर आप मशरूम की खेती के लिए एक बिज़नेस प्लान के साथ काम करें तो आपको इस मार्केट में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इस लेख में हम मशरूम उगाने के बिजनेस प्लान मॉडल और वो सब कुछ शेयर कर रहे हैं जिसकी आपको जरूरत होगी, लेकिन सबसे पहले ये बात जानना ज़रूरी है कि क्या मशरूम का बिज़नेस आपके लिए फ़ायदेमंद है?
हर कोई मशरूम के बिजनेस के लिए आइडियल नहीं हो सकता है, इसके पीछे कई सारे फैक्टर्स काम करते हैं। यहां कुछ संकेत दिए गए हैं कि मशरूम उगाना आपके लिए सही है या नहीं।
आप मोटिवेटेड और सेल्फ कंट्रोल हों, क्योंकि इस बिज़नेस में आपकी सफलता या विफलता पूरी तरह से आप पर निर्भर करती है। आपके मशरूम उगाने के काम को बढ़ाने के लिए, आपको अपने मशरूम उगाने के बिजनेस में बहुत सारा वक्त और एनर्जी देने को तैयार रहना होगा, क्योंकि किसी भी तरह की खेती के लिए शारीरिक श्रम लगता है और मशरूम की खेती इससे अलग नहीं है।
बड़े पैमाने पर शुरू करने से पहले मशरूम उगाने का अनुभव लें
इससे पहले कि आप किसी भी तरह के बड़े पैमाने पर मशरूम उगाना शुरू करें, आपको पहले मशरूम के छोटे बैचों को सफलतापूर्वक उगाना चाहिए। इससे न सिर्फ़ आपको मशरूम उगाने के प्रोसेस के बारे में ज़्यादा पता चलेगा बल्कि ये पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि क्या मशरूम की खेती को आप बिज़नेस में बदलना चाहते हैं। आपको अपने प्रॉडक्ट को थोक विक्रेताओं, किसान बाज़ार और दूसरे नेटवर्क और मार्केटिंग की भी जरूरत होगी।
मशरूम की किस्में (Mushroom Varieties)
मशरूम की खेती शुरू करने के लिए सबसे अहम ये है कि आप कौन से मशरूम की वैराइटी उगाना चाहते हैं। आप शुरुआत में ऑयस्टर मशरूम उगा सकते हैं, क्योंकि इसकी खेती आसान है। फिर आप सफेद बटन मशरूम, शिटाके मशरूम, ब्लैक इयर मशरूम उगा सकते हैं।हालांकि, ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके क्षेत्र में किस तरह के मशरूम की मांग है।
ढ़िगरी मशरूम की खेती- ढ़िगरी मशरूम की खेती करने के लिए छप्पर की जरूरत होती है। जिसे बांस, ईंटे और पॉलीथीन व पराली से तैयार किया जाता है। इसको आप किसी भी साइज का तैयार कर सकते हैं। ढ़िगरी मशरूम के बीज हमेशा फ्रेश इस्तेमाल करने चाहिए। बीजाई करने से दो दिन पहले कमरे को फार्मेलिन से साफ कर लेना चाहिए। जब ढ़िगरी पूरी तरह से तैयार हो जाए तब इसकी तुड़ाई करनी चाहिए। ढ़िगरी की छतरी के बाहरी किनारे पूरी तरह से ऊपर की ओर मुड़ने लगे तब इसकी तुड़ाई करनी चाहिए। तुड़ाई को पानी के छिड़काव के बाद करें। एक किलो ढ़िगरी की लागत मूल्य 15- से 20 रूपये आती है, लेकिन बाज़ार में इसकी कीमत 30 रूपये से 50 रूपये प्रति किलोग्राम होती है।
दुधिया मशरूम- दुधिया मशरूम सफेद बटन मशरूम की तरह दिखाई देता है लेकिन ये काफी लंबा और आधार मोटा होता है। इसके लिए ज्यादा तापमान की जरूरत होती है।अधिक तापमान 30 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर ये ज्यादा पैदावार देता है। मशरूम की कैप जब 5-6 सेंटीमीटर मोटी हो जाए तब इसको तोड़ना चाहिए। इसका उत्पादन लागत 20 से 25 रूपये होता है, लेकिन बाजार में ये 60 से 80 रूपये प्रति किलो बिकता है।
Mushroom Farm बनाने के लिए ज़रूरी बातें
मशरूम रूम हमेशा पूर्व- पश्चिम दिशा की तरफ ही तैयार करें। फार्म खुली जगह पर बनाना चाहिए या जहां पर प्रदूषण ना हो। एक रैक से दूसरी रैक का रास्ता 2 फुट तक होना चाहिए। पानी की निकासी, बिजली की व्यवस्था, साफ सफाई जरूर होनी चाहिए।
आप थोड़े से निवेश के साथ एक मशरूम फ़ार्म शुरू कर सकते हैं। जब आपके मशरूम उगाने वाले व्यवसाय के वित्तीय पक्ष की बात आती है तो कई कारकों पर विचार करना पड़ता है।
आपकी वित्तीय स्थिति कैसी है? क्या आपके पास अपना मशरूम व्यवसाय शुरू करने के लिए निवेश करने के लिए जरूरी पैसा है, या आपको लोन लेने की ज़रूरत होगी?
आपको मशरूम का बिज़नेस शुरू करने से पहले ये जानना होगा कि आपके पास कितनी बचत है और खेती पर कितना पैसा खर्च कर सकते हैं। वहीं इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए लोन लेने की भी जरूरत पड़ रही है तो कैसे और कहां से लेना है इस पर विचार करना होगा।
मशरूम बिज़नेस में कैसे प्रतिस्पर्धा करेंगे? (Competition In Mushroom Farming Business?)
बड़े शहरों में मशरूम के ज़्यादा कस्टमर्स होंगे, लेकिन प्रतिस्पर्धा करने के लिए अधिक उत्पादक भी होंगे। इसके लिए आपको अपनी उत्पादकता के साथ क्वालिटी और दाम पर ध्यान देना होगा। इस पर भी फोकस करना होगा कि आपके संभावित ग्राहक कौन हैं। आपके एरिया या शहर में कितने होटल और रेस्टोरेंट, किराना स्टोर और दूसरे कस्टमर्स हैं जो आपके मशरूम खरीदना चाहेंगे।
मशरूम की खेती शुरू करने के लिए सामान
इसमें स्पॉन(बीज), सब्सट्रेट, ग्रो बैग, कीटाणुनाशक, दस्ताने और दूसरी तरह की सामग्रियों को खरीदने की लागत शामिल होती है, जो आप अपने बिज़नेस में उपयोग करेंगे। आपका मशरूम की खेती का काम जितना बड़ा होगा उतनी ही इन चीज़ों की ज़रूरत होगी।
वहीं मशरूम की खेती में अन्य खर्चों में किराया, टैक्स, टेलीफोन बिल, यूटिलिटीज, कर्मचारियों का खर्च और ऋण पर ब्याज जैसी चीजें शामिल हैं। आपको इन चीज़ों के भुगतान का हिसाब रखना होगा। चाहे आप मशरूम का कितना भी कम या ज्यादा उत्पादन कर रहे हों।
शुरूआत में कितना खर्च आएगा, इसका ठीक अनुमान लगाना कठिन है, क्योंकि हर क्षेत्र की स्थिति अलग-अलग होती है और उस पर लागत भी अलग होती है। अगर कोई शख्स शेड या फिर कमरे में शुरूआत कर रहा है, जो उसके पास पहले से है, उसे सिर्फ़ उन उपकरणों और सामग्रियों में निवेश करने की जरूरत हो सकती है जिनकी उन्हें आवश्यकता होगी। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, आपकी सामग्री की लागत भी उतनी ही ज़्यादा होगी।
मशरूम उगाने के लिए बिज़नेस प्लान
बजट बनाना काफ़ी अहम है। एक अच्छा बिज़नेस प्लान आपको प्रतिस्पर्धा का आकलन करने, बिक्री और मार्केटिंग रणनीति बनाने और बहुत कुछ करने में भी मदद करता है। अगर आप किसी बैंक से लोन लेना चाहते हैं, तो वे ज़रूर आपके बिज़नेस प्लान को देखना चाहेंगे। इससे उन्हें पता चलता है कि आप अपने बिज़नेस के लिए कितने गंभीर हैं और आपने सभी फ़ायदे और नुकसान के बारे में सोच लिया है। एक बिज़नेस प्लान आपको ये पता लगाने में भी मदद करता है कि क्या मशरूम उगाने का काम एक सफल और लाभदायक व्यवसाय में बदल सकता हैं।
मशरूम फ़ार्म के लिए आपको कितना निवेश चाहिए?
आज के वक्त में मशरूम का बिज़नेस बहुत ही फ़ायदेमंद साबित हो रहा है। इसमें बहुत ही कम निवेश के साथ मुनाफ़ा ले सकते हैं। मशरूम के बिज़नेस को आप अपने घर से शुरू कर सकते हैं और सिर्फ़ 5000 रुपये के निवेश से इस बिजनेस को शुरूआत कर सकते हैं।
मशरूम की खेती में कच्चे माल की ज़रूरत
इसमें पोछा और बाल्टी, स्क्रूड्राइवर, इलेक्ट्रिक साइकिल टाइमर, ह्यूमिडिफायर और रेस्पिरेटर जैसी चीजें शामिल हैं। इनमें से अधिकतर आइटम स्थानीय हार्डवेयर स्टोर पर खरीदे जा सकते हैं। छेद वाली डिस्पोजेबल प्लास्टिक की बोरियों या बाल्टियों का इस्तेमाल करें जिससे मशरूम को कवक विकसित करने के लिए अंकुरित किया जा सके। आपको सब्सट्रेट खरीदना होगा, जो स्ट्रॉ या लकड़ी के चिप्स हो सकते हैं।
इनक्यूबेशन चैंबर बनाने का सामान
इसमें विनाइल फ़्लोरिंग या वॉटरप्रूफ़ फ़्लोर पेंट, एक सिंक, प्लंबिंग पाइप, एक 45 गैलन फ़ूड ग्रेड स्टील ड्रम, शेल्विंग, लाइटिंग, पंखे और बहुत कुछ जैसी चीज़ें शामिल हैं। इन सभी सामानों को हार्डवेयर स्टोर से खरीदा जा सकता है। आपको ये तय करना होगा कि आप कार्ड बोर्ड, चूरा, कॉफी ग्राउंड, या किसी अन्य सब्सट्रेट पर मशरूम उगाना चाहते हैं। मशरूम स्पॉन और ग्रो बैग को स्थानीय स्तर पर खरीदा जा सकता है।
क्या मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है?
मशरूम की खेती करना बहुत ही आकर्षक और लाभदायक हो सकता है। अपने छोटे मशरूम फ़ार्म को कम जगह और कम लागत में शुरू कर सकते हैं। सिर्फ़ एक कमरे में मशरूम की खेती करके आप 3 से 4 लाख रुपए आसानी से कमा सकते हैं, वो भी सिर्फ़ 50 से 60 हज़ार रुपए खर्च करके। मशरूम को उगाने में गेहूं-सोयाबीन के भूसे और दानों का इस्तेमाल किया जाता है। गेहूं और सोयाबीन के भूसे में मशरूम की अच्छी वैराइटी प्ल्युरोटस ओस्ट्रेट्स और गेनोड्रोमा किस्म को कम लागत में उगा सकते हैं।
मशरूम उगाने के लिए बीज और किन परिस्थितियों की ज़रूरत
मशरूम को फलने के लिए अलग-अलग परिस्थितियों की ज़रूरत होती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वे विकास की किस अवस्था में हैं। आपके मशरूम उगाने वाले व्यवसाय को मिक्सचर, वैक्सीनेशन की जगह, एक इनक्यूबेशन चैंबर और एक फलने वाले कमरे की ज़रूरत होती है।
मिक्सचर और वैक्सीनेशन की जगह साफ़ होनी चाहिए, जहां आप मशरूम स्पॉन (बीज) को सब्सट्रेट के साथ मिला सकते हैं और इसे बैग में रख सकते हैं। इस कमरे की कंडीशन आपके काम करने के लिए आरामदायक होनी चाहिए।
इनक्यूबेशन चैंबर में अंधेरा होना चाहिए और तापमान 20 से 24 C (68 से 75 F) के बीच होना चाहिए। हाई CO2 सामग्री एक्स्ट्रा बोनस है। ये वो जगह है जहां मशरूम का स्पॉन (बीज) फलने की तैयारी में पूरे सब्सट्रेट को रिहाउस करता है। एक बार जब आपके मशरूम उगाने वाले बैग पूरी तरह से व्यवस्थित हो जाते हैं, तो उन्हें फलने वाले कमरे में ले जाया जाता है। फलने वाले कमरे में 80 से 90 प्रतिशत संबंधित ह्यूमिडिटी ज़रूर होनी चाहिए।
मशरूम को पिनिंग और फलने के लिए कुछ रोशनी की भी ज़रूरत होती है। वाटरप्रूफ हाउसिंग में या तो एलईडी रोप लाइट या फ्लोरोसेंट लाइट इसमें काम करेंगी। फलने वाले कमरे को भी बहुत ज़्यादा हवा की ज़रूरत होती है। आपको ताजी हवा अंदर लाने और CO2 युक्त हवा बाहर निकालने के लिए पंखे लगाने होंगे।
मशरूम की खेती में जिस बीज का इस्तेमाल होता है उसे स्पॉन कहते हैं। मशरूम की ज़्यादा पैदावार के लिए बीज शुद्ध और अच्छी किस्म का लेना चाहिए। मशरूम को फलने वाले कल्चर से पैदा स्पॉन का उत्पादन जीवाणु रहित वातावरण में किया जाता है। उच्चतम उत्पादन देने वाले स्पॉन को प्रयोगशाला में तैयार कर सकते हैं।
कम्पोस्ट बनाने की विधि
कम्पोस्ट को बनाने के लिए भूसा या धान की पुआल को भिगोना पड़ता है और इसके एक दिन बाद डीएपी, यूरिया, पोटाश, गेहूं का चोकर, जिप्सम और कार्बोफ्यूडोरन को मिक्स करके इसे सड़ने के लिए छोड़ देना चाहिए। फिर डेढ़ महीने के बाद इसका कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। गोबर की खाद और मिट्टी को बराबर एक साथ मिलाकर करीब डेढ़ इंच मोटी परत बिछाकर, उस पर कम्पोस्ट की दो-तीन इंच मोटी परत चढ़ाई जाती है। नमी को बरकरार रखने के लिए स्प्रे से मशरूम पर दिन में दो से तीन बार छिड़काव करना चाहिए। इसके ऊपर एक-दो इंच कम्पोस्ट की परत और चढ़ाई जाती है और इस तरह मशरूम की पैदावार शुरू हो जाती है।
मशरूम में होने वाली बीमारियां और उनका प्रबंधन
फसलों की तरह मशरूम में भी कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इसमें बीमारियों होने की आशंका ज़्यादा होती है, क्योंकि इनको कमरे में उगाया जाता है, साथ ही इसमें 90 फीसदी पानी होता है। यहां मशरूम में होने वाले रोगों के बारे में बताया जा रहा है।
ड्राई बबल- इस रोग की वजह से मशरूम की कैप पर भूरे रंग के धब्बे नज़र आने लगते हैं। तना भी फटने लगता है। इसकी रोकथाम के लिए डाईथेन एम-45 का 20 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिए।
वैट बबल- इस बीमारी की वजह से मशरूम अजीब नजर आने लगती है, इसका तना फूल जाता है, साथ ही भूरे रंग का पानी भर जाता है। केसिंग के तुरंत बाद इसमें स्पोरगोन का छिड़काव करें।
जाली वाला रोग- केसिंग मिट्टी पर हल्का सफेद रंग का जाला फैलने लगता है, जो कुछ वक्त के बाद मशरूम को पूरा ढ़क लेता है। जिससे मशरूम अंदर से सड़ने लग जाता है। इससे बचाव के लिए कमरे में नमी को कम करें, साथ ही नाइट्रो बेंजीन 20 फीसदी घोल का छिड़काव करें।
फफूंद रोग- फफूंद भी मशरूम की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। ब्राउन प्लास्टर, व्हाइट प्लास्टर, पीली फफूंद, हरी परत वाली फफूंद, इंकी कैप, आभासी ट्रफल, लिपस्टिक फफूंद है जो मशरूम की फसलों में लगती है।
मशरूम उगाने में होने वाली गलतियां और बचाव के तरीके
यहां मशरूम बिज़नेस में आने वाली कुछ सामान्य गलतियों के बारे में बता रहे हैं और उनसे कैसे बचा जाए इसके बारें में जानकारी दी गई है।
- इस बात की संभावना होती है कि जब आप पहली बार मशरूम की खेती का व्यवसाय शुरू करेंगे तो आपको समस्याओं और असफलताओं का सामना करना पड़ेगा।
- बड़ी पैमाने पर फसल के विनाशकारी नुकसान के बजाय, शुरुआत में ही छोटे स्तर पर असफल हो जाना सबसे अच्छा है।
- ये सुनिश्चित करें कि आप मशरूम उगाने की पूरी प्रक्रिया को जानते हैं और उसे समझते हैं। अपने ऑपरेशन का विस्तार करने से पहले कुछ बार इससे गुजर चुके हैं।
- शुरू से ही बहुत से डिवाइसों को खरीदना, उनमें बहुत अधिक निवेश करना। मशरूम उगाना एक ऐसा बिजनेस है जिसे आप वास्तव में शुरू कर सकते हैं और कम पैसों के साथ शुरू कर सकते हैं।
- आपको इस बात का पता लगाना है कि जिन तकनीकों और किस्मों का आप इस्तेमाल करना चाहते हैं, उनके लिए कौन से उपकरण की सबसे ज्यादा जरूरत है। अगर संभव हो तो शुरुआत में कुछ भी अतिरिक्त किए बिना करने का प्रयास करें।
- शुरुआत में ऋण लेने की बजाय, आप हमेशा लाभ को बाद में बिजनेस में दोबारा से निवेश कर सकते हैं।
- ये सब खुद से सीखने का प्रयास करना। आपको उन लोगों से सीखने की जरूरत है जो इन मशरूम फार्मिंग के बारें में बहुत अधिक जानते हैं, ऐसा करने से आपको बहुत फायदा होगा।
- आप लोगों की गलतियों से सीख सकते हैं और अपना वक्त या पैसा बर्बाद करने से बच सकते हैं।
मशरूम की हैंडलिंग और देखभाल
छोटे मशरूम बिजनेस में, हैंडलिंग और क्लाइमेट एक अहम स्थान रखता है। मशरूम चोट के प्रति संवेदनशील होते हैं। नतीजतन,उन्हें खुदरा विक्रेताओं में शिपिंग और डिस्प्ले के दौरान ठीक से संभाला जाना चाहिए।
मशरूम की बिक्री
बाज़ार में मशरूम की आपूर्ति काफ़ी कम है और मांग ज़्यादा है, इसलिए इसकी कीमतें हमेशा ऊंची रहती हैं। आप मशरूम को अपने एरिया के स्टोर, सुपरमार्केट में बेच सकते हैं, साथ ही इंटरनेट स्टोर शुरू करके ऑनलाइन बेच सकते हैं।
मशरूम की वैराइटी की अलग-अलग कीमतें होती हैं, इसलिए आपको ये देखना होगा कि कौन सी किस्म आपके बजट से मेल खाती है। मशरूम को इस प्रकार क्लासीफाइड किया जा सकता है-
- बटन वाले मशरूम, इसमें प्रोटीम की ज्यादा मात्रा होती है।
- शियाटेक, लायन्स माने व ऑयस्टर मशरूम को जंगली मशरूम की कैटेगरी में रखते हैं। इन को ही आसानी से विकसित कर सकते हैं।
- धान पुआल मशरूम एक प्रकार का मशरूम है, जो धान के खेतों में उगाया जाता है।
- पिंक ऑयस्टर मशरूम की मांग पूरी दुनिया में है, जो छोटे-बड़े सुपरमार्केट से लेकर पड़ोस की किराना स्टोर पर आराम से मिल जाते हैं। हेल्थ कॉन्शस लोगों की पसंद है, इनमें प्रोटीन, फाइबर और खनिज काफी मात्रा में होते हैं।
- स्ट्रॉ मशरूम जो 35 डिग्री से 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान में उगाए जाते हैं।
मशरूम बिज़नेस शुरू करने के लिए लाइसेंस
बिज़नेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन काफी अहम है। इसके साथ ही एफएसएसएआई पंजीकरण और व्यापार लाइसेंस ज़रूरी है।
भारत में मशरूम का बिज़नेस और पैदावार
देश में मशरूम की अलग-अलग वैराइटी पाई जाती है। इनमें से कुछ वैराइटी बहुत ज्यादा उत्पादन करती हैं। इनमें अगर बात करें तो बटन मशरूम प्रति वर्ग फुट कुल 10 से 15 किलो ग्राम का उत्पादन करते हैं। भारत में ऑयस्टर मशरूम की मांग है, इस मशरूम की कीमत लगभग 150 रूपये है। वहीं बटन मशरूम 120 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता है।
मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर करें शुरुआत
देश के एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज और कृषि अनुसंधान केंद्रों में जाकर आप मशरूम की खेती की ट्रेनिंग ले सकते हैं। अगर आप मशरूम की खेती बड़े स्तर पर शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर यही है कि आप एक बार इसकी सही ढंग से ट्रेनिंग कर लें।
मशरूम की खेती पर सब्सिडी
मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए खेती फ़ायदे का सौदा होती जा रही है। भारत सरकार भी मशरूम की खेती (Mushroom Farming) को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है। राज्य सरकारें भी इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार मशरूम किसानों को 90 फ़ीसदी तक सब्सिडी देती है।
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