कल्टीरोवेटर (Cultirovator): किसानों का काम आसान करने और लागत घटाने के लिए वैज्ञानिक और कंपनियां हमेशा नए कृषि उपकरण बनाने में जुटी रहती हैं। ऐसी ही एक कंपनी है नव दुर्गा एग्री इंप्लीमेंट्स (NavDurga Agri Implements Pvt Ltd) जो एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है और कृषि उपकरण बनाती है । इनका कहना है कि कंपनी का मुख्य फोकस इनोवेशन पर रहता है और cultirovator (कल्टीरोवेटर) ऐसा ही एक इनोवेटिव प्रोडक्ट है जो किसानों का काम आसान करने के साथ ही उनका मुनाफ़ा भी बढ़ाएगा।
क्या है इस मशीन (Cultirovator) की ख़ासियत और किसानों के लिए ये कितनी फ़ायदेमंद है, जानने के लिए किसान ऑफ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली ने बात की नव दुर्गा एग्री इंप्लीमेंट्स के विजय प्रकाश से।
Cultirovator मशीन की ख़ासियत
विजय प्रकाश कहते हैं कि Cultirovator दो मशीनों का काम एक साथ करती है जिससे किसानों की लागत और समय दोनों की बचत हो जाती है। इस मशीन के इस्तेमाल से एक बार में ही खेत बीजाई के लिए तैयार हो जाता है। Cultirovator का साइज़ 5 से 9 फीट तक का होता है और इसे ट्रैक्टर के ज़रिया चलाया जा सकता है। इसे 40 से लेकर 50 एचपी तक के ट्रैक्टर के साथ जोड़ा जा सकता है।
दरअसल, ट्रैक्टर की पावर कितनी चाहिए ये मिट्टी पर निर्भर करता है। यदि मिट्टी काली है तो इसे चलाने के लिए 50 एचपी (50 HP) वाले ट्रैक्टर की ज़रूरत होगी, लेकिन मिट्टी यदि नरम है तो 40 एचपी (40 HP) के ट्रैक्टर से भी इसे खींचा जा सकता है।
पर्यावरण और किसानों के लिए फ़ायदेमंद
विजय प्रकाश का कहना है कि उनकी मशीन पर्यावरण और किसान, दोनों के लिए फ़ायदेमंद है। दरअसल, यह मशीन मिट्टी को न सिर्फ ऊपर से भुरभुरी बनाता है, बल्कि 4-5 इंच के बाद 2 से 10 इंच तक मिट्टी को मोटे तौर पर भुरभुरी बना देता है यानी मिट्टी के ढेलों को तोड़ देता है। इससे मिट्टी अंदर तक पानी को सोख लेती है और वहाँ भी नमी बनी रहती है। इससे केंचुओं को पनपने में मदद मिलती है। साथ ही, अंदर नमी बने रहने की वजह से पानी कम इस्तेमाल करना पड़ता है, इसलिए पानी की लागत भी कम होती है।
इस तरह से ये पर्यावरण के लिए लाभदायक है। इसके साथ ही, चूंकि ये एक ही मशीन, दो मशीनों के बराबर काम करती है इससे किसानों के समय, डीजल और पैसों की बचत होती है। लागत कम होने से मुनाफ़ा बढ़ता है।
रोटावेटर से कैसे अलग है?
रोटावेटर (Rotavator) आमतौर पर 4-5 इंच तक की मिट्टी को भुरभुरी बनाता है, लेकिन उसके नीचे की मिट्टी को वो सख्त कर देता है, जिससे मिट्टी पानी को सोखना बंद कर देती है। इसका नुकसान ये होता है कि नमी के बगैर जैविक खाद को बनाने वाले केंचुए मर जाते हैं। रोटावेटर के उलट Cultirovator अंदर तक मिट्टी की नमी को बनाए रखता है।
खेती से मुनाफ़ा कमाने के लिए ज़रूरी है कि किसानों के पास ऐसे कृषि उपकरण हों जिससे समय और पैसे दोनों की बचत हो। अधिक समय और लागत के कारण ही अधिकांश किसानों को खेती में नुकसान उठाना पड़ता है। बाज़ार में बहुत से कृषि उपकरण मौजूद हैं, ऐसे में किसानों को अपने बजट का ध्यान रखते हुए पहले उन उपकरणों के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए, फिर खरीदना चाहिए। आप अगर नव दुर्गा एग्री इंप्लीमेंट्स (NavDurga Agri Implements Pvt Ltd) का कल्टीरोवेटर (Cultirovator) खरीदना चाहते हैं, तो उनकी वेबसाइट www.ndai.in पर जाकर खरीद सकते हैं।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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