खेती में काम आने वाली मशीनों में ट्रैक्टर सबसे लोकप्रिय है। देश में सबसे ज़्यादा विस्तान और इस्तेमाल इसी मशीन का हुआ है। किसानों के चाहिए कि वो ट्रैक्टर चुनते वक़्त उसके फ़ीचर्स को बहुत अहमियत दें, क्योंकि फ़ीचर्स ही ट्रैक्टरों की जान होते हैं।
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हाइड्रोलिक्स फ़ीचर
फसल बुवाई के वक्त अगर पूरे खेत में एक समान गहराई पर बीज रोपे जाएं तो इससे गेहूं, दलहन, तिहलन जैसी फसलों की कटाई या फिर आलू, प्याज, मूंगफली जैसी फसलों की खुदाई के समय नुकसान यानी बर्बादी की आशंका कम हो जाती है। इसे देखते हुए बढ़िया ट्रैक्टरों में हाइड्रोलिक्स फ़ीचर को ख़ासा अपग्रेड किया गया है। इसके कंट्रोल वॉल्व को और बेहतर बनाया है, ताकि इसके पम्प अपने हाई फ्लो रेट और बेहतर लिफ्ट कैपेसिटी की वजह से भारी वजन की चीज़ों को तेज़ी से उठाने और गिराने में सक्षम होते हैं।
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ड्यूल एक्टिंग पावर स्टेयरिंग
उम्दा किस्म के ट्रैक्टरों में ड्यूल एक्टिंग पावर स्टेयरिंग नामक फीचर भी दिया जाता है। इस ख़ूबी वाले ट्रैक्टर के दोनों टायरों का सन्तुलन एक समान रहता है। पावर स्टेयरिंग से ट्रैक्टर की ड्राइविंग में काफ़ी आसानी होती है और ड्राइवरों को थकान भी कम होती है। क्योंकि उसे ट्रैक्टर की स्टेयरिंग को घूमाने में बहुत कम ताकत लगानी पड़ती है। इससे वो ज्यादा वक्त तक काम कर पाते है। पावर स्टेयरिंग की वजह से ट्रैक्टर के टायर भी असमान घिसाव से बचते हैं और उनकी उम्र बढ़ जाती है। इससे रखरखाव का खर्चा कम होता है।